1
           / 
          of
          2
        
        
      आत्मानुशासन
आत्मानुशासन
      Regular price
      
        Rs. 350.00
      
    
    
        Regular price
        
          
            
              
            
          
        Sale price
      
        Rs. 350.00
      
    
    
      Unit price
      
        
        /
         per 
        
        
      
    
  Shipping calculated at checkout.
Couldn't load pickup availability
'आत्मानुशासन' आचार्य गुणभद्रदेव का अध्यात्म और वैराग्य प्रधान ग्रन्थ है। इस ग्रंथ पर अंश प्रभाचन्द्रजी की एक संक्षिप्त टीका संस्कृत में उपलब्ध है। यह टीका संक्षिप्त रूप है। इसमें शब्दों की निरुक्तियाँ क्रियापदों का पृथक् अर्थ एवं ग्रंथ के कठोर का खुलासा नहीं हो पाता है। किसी भी ग्रंथ का हार्ड टीका के माध्यम से ही स्पष्ट होता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए शायद मुनि प्रणम्यसागर ने आत्मानुशासन पर एक अलग टीका संस्कृत में लिखी है। इस टीका का नाम समाप्य), 'स्वस्ति' टीका है। जो सभी भव्य जनों के लिए मंगलकारी है।
Share
 

 
               
    