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धर्म का मर्म
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जिस समय पूरा देश कोरोना वायरस के संकट से गुजर रहा था, देश के साथ-साथ विदेश में भी यह एक महामारी के रूप में फैल गई बीमारी थी। उस समय कोरोना महामारी से हर जगह भय और असुरक्षा का माहौल था, सभी लोग घरों में कैद हो गए थे। सभी मार्ग ही बदल दिए गए थे। हर व्यक्ति चाहे कितना ही व्यस्त क्यों न हो, दशलक्षण धर्म के दस दिनों में ज्यादा से ज्यादा धर्म-साधना करके अपने कर्मों की निर्जरा करना चाहता है। उस कठिन समय में धर्म-साधना, पूजन तो दूर, मंदिर के दर्शन भी दुर्लभ थे। परंतु मुनि श्री प्रणम्य सागर जी की सोच और उनकी दूरदृष्टि ने इस कठिन समय में आपदा को भी सम्पदा में बदल दिया था।
यह मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी
महाराज के मुजफ्फरनगर 2020 के चातुर्मास प्रवास के दौरान पर्युषण पर्व में दिए गए प्रवचनों का संकलन है।
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