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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय
पुरुषार्थ सिद्धि उपाय
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अंश कुंद कुंद आमनाओं की धारा में आगे ऐसे कई महान अंश जिनहोने ऐसे अनमोल रत्न दिए गए हैं, कि वास्तविक नाम अपना जिहवा से चुनें मात्र से पुण्य का अनुभव होता है। अमृतचन्द्रसूरि की मूल कृत पुरुषार्थ सिद्धयुपाय में आत्मोन्नति के रत्नत्रय रूप त्रय सोपान गर्भित हैं। साथ में अध्यायों को विभाजित किया गया है।
श्रावकचार के रूप में पहचान रखने वाला यह ग्रन्थ आध्यात्मिक अभिरूचि को भी प्राप्त करता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर कृत मङ्गला टीका मूलग्रंथ के विषय को अति उत्साह करती हुई। मूलामनाय को पुष्ट करती है।
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